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Yoga for Cancer Patients: कैंसर रोगियों के लिए योग के अद्भुत लाभ

कैंसर, एक जानलेवा बीमारी, न केवल शरीर को कमजोर करती है बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी व्यक्ति को पूरी तरह से तोड़ देती है। इस कठिन समय में, चिकित्सा उपचार के साथ-साथ कुछ वैकल्पिक उपाय जैसे योग, कैंसर रोगियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। Yoga for Cancer Patients एक उभरती हुई विषयवस्तु है, जिसमें यह देखा गया है कि नियमित योगाभ्यास न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है बल्कि मानसिक शांति और भावनात्मक स्थिरता भी प्रदान करता है।

इस लेख में हम जानेंगे कि Yoga for Cancer Patients किस प्रकार से लाभकारी हो सकता है, कौन-कौन से आसन उपयोगी हैं, और किस तरह इसे जीवन का हिस्सा बनाया जा सकता है।

Yoga for Cancer Patients के लाभ

1. थकावट को कम करता है

कैंसर के उपचार में कीमोथेरेपी, रेडिएशन और अन्य प्रक्रियाओं से शरीर अत्यधिक थकान महसूस करता है। कई शोधों में यह सिद्ध हुआ है कि नियमित योग अभ्यास से थकावट में उल्लेखनीय कमी आती है। खासकर जब योग सत्र सप्ताह में कई बार किए जाते हैं, तो थकान में और भी अधिक सुधार देखा गया है।

2. तनाव और चिंता को कम करता है

कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ते हुए मानसिक तनाव सामान्य बात है। परंतु योग, विशेषकर प्राणायाम और ध्यान अभ्यास, तनाव हार्मोन को कम करता है और मन को शांति प्रदान करता है। एक अध्ययन के अनुसार, 7 सप्ताह के योग अभ्यास से ‘मूड डिस्टर्बेंस’ की संभावना में 65% तक की कमी देखी गई है।

3. शारीरिक कार्यक्षमता में सुधार

लंबे समय तक बिस्तर पर रहने से शरीर अकड़ जाता है, और दैनिक कार्यों को करना कठिन हो जाता है। ऐसे में योग एक सौम्य व्यायाम है जो शरीर को सक्रिय और लचीला बनाए रखता है। 16 क्लिनिकल ट्रायल्स के एक रिव्यू में पाया गया कि नियमित योगाभ्यास से कैंसर मरीजों की कार्यक्षमता में सुधार हुआ है।

4. नींद की गुणवत्ता में सुधार

तनाव और शारीरिक दर्द के कारण कैंसर रोगियों को नींद की परेशानी होती है। योगाभ्यास, विशेषकर ध्यान और श्वास नियंत्रण तकनीकें, नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाती हैं। अध्ययनों से यह भी साबित हुआ है कि योग नींद की अवधि, प्रभावशीलता और संपूर्ण विश्राम को बढ़ाता है।

5. कैंसर के दोबारा होने की संभावना कम करना

अधिक वजन और जीवनशैली संबंधी बीमारियाँ कैंसर के दोबारा होने के जोखिम को बढ़ाती हैं। नियमित योगाभ्यास से शरीर में वसा की मात्रा कम होती है, जिससे पुनः कैंसर होने का खतरा घटता है। यह एक महत्वपूर्ण कारण है कि Yoga for Cancer Patients विषय को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

 कैंसर रोगियों के लिए योग करने से पहले ध्यान देने योग्य बातें

  1. चिकित्सक से परामर्श लें: किसी भी नए अभ्यास को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
  2. अनुभवी योग प्रशिक्षक का चयन करें: ऐसे प्रशिक्षकों को प्राथमिकता दें जिन्हें कैंसर रोगियों के साथ कार्य करने का अनुभव हो।
  3. कोमल और पुनर्स्थापनात्मक योग आसनों का अभ्यास करें: कठिन या थका देने वाले आसनों से बचें।

Also Read: Yoga for Calm | तनाव मुक्त जीवन के लिए योग

Yoga for Cancer Patients के लिए 4 उपयोगी आसन

1. सीटीड स्पाइनल ट्विस्ट (Seated Spinal Twist)

सीटीड स्पाइनल ट्विस्ट (Seated Spinal Twist)
सीटीड स्पाइनल ट्विस्ट (Seated Spinal Twist)

यह आसन पाचन क्रिया को सुधारने और मतली को कम करने में सहायक होता है।

विधि:

  • क्रॉस लेग बैठें।
  • गहरी सांस लें और बाहर छोड़ते समय शरीर को धीरे से दाईं ओर मोड़ें।
  • बायां हाथ दाहिने घुटने पर और दाहिना हाथ पीठ के पीछे रखें।
  • कुछ देर स्थिर रहें और सांसों पर ध्यान केंद्रित करें।

2. लेग्स अप द वॉल (Viparita Karani)

विपरीत करनी (Legs up the Wall)
लेग्स अप द वॉल (Viparita Karani)

थकावट कम करने के लिए यह एक अत्यंत प्रभावशाली आसन है।

विधि:

  • दीवार के पास बैठें और धीरे-धीरे पैरों को दीवार पर ऊपर की ओर ले जाएं।
  • पीठ और सिर को ज़मीन पर टिकाकर विश्राम करें।
  • 5-10 मिनट तक इस स्थिति में रहें।

3. सुप्ता बद्ध कोणासन (Reclined Bound Angle Pose)

सुप्ता बद्ध कोणासन (Reclined Bound Angle Pose)
सुप्ता बद्ध कोणासन (Reclined Bound Angle Pose)

तनाव और थकावट को दूर करने में सहायक।

विधि:

  • दोनों पैरों के तलवे आपस में मिलाएं और घुटनों को बाहर की ओर झुकाएं।
  • धीरे-धीरे पीठ के बल लेट जाएं।
  • हाथों को आराम से फैलाकर गहरी सांस लें।

4. सीटीड मेडिटेशन (Seated Meditation)

Seated Meditation
Seated Meditation

माइंडफुलनेस और मानसिक स्पष्टता के लिए बेहद प्रभावी।

विधि:

  • पालथी मारकर सीधे बैठें।
  • रीढ़ की हड्डी सीधी रखें और आंखें बंद करें।
  • ध्यान को सांसों पर केंद्रित करें और मन को शांत रखें।

योग कैसे बदल सकता है कैंसर रोगियों का जीवन?

योग केवल शरीर को ही नहीं, बल्कि आत्मा और मन को भी उपचारित करता है। योग में बताया गया है कि “पीड़ा तो जीवन का हिस्सा है, परंतु दुख वैकल्पिक है।” योगाभ्यास से व्यक्ति अपनी पीड़ा को एक जागरूकता में परिवर्तित कर सकता है।

निष्कर्ष | Yoga for Cancer Patient

Yoga for Cancer Patients: Yoga न केवल उपचार के समय बल्कि उससे उबरने के बाद भी जीवन में ऊर्जा, मानसिक शांति और स्वास्थ्य बनाए रखने का एक प्राकृतिक उपाय है। यह शरीर, मन और आत्मा — तीनों स्तरों पर संतुलन लाता है। यदि इसे सही मार्गदर्शन और नियमित अभ्यास के साथ अपनाया जाए, तो यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने में अद्भुत सहयोगी साबित हो सकता है।

Disclaimer:
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