Air Quality Index (AQI) – वायु गुणवत्ता का मापदंड और स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वच्छ हवा हमारे जीवन के लिए उतनी ही आवश्यक है जितना कि जल और भोजन। लेकिन आधुनिक औद्योगिकीकरण, बढ़ते वाहनों की संख्या, वनों की कटाई और अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण Air Pollution तेजी से बढ़ रहा है। इससे हमारे स्वास्थ्य, पर्यावरण और समग्र जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
इस समस्या को नियंत्रित करने और जनता को जागरूक करने के लिए वैज्ञानिकों और सरकारों ने एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index – AQI) का विकास किया। AQI एक मानकीकृत मापदंड है जो हमें बताता है कि हम जिस हवा में सांस ले रहे हैं वह कितनी स्वच्छ या प्रदूषित है और इसका हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
Air Quality Index (AQI) क्या है?
Air Quality Index (AQI) एक संख्या आधारित प्रणाली है जो हमें वायु गुणवत्ता की स्थिति के बारे में बताती है। यह इंडेक्स 0 से 500 तक के स्केल पर चलता है, जहां कम स्कोर का मतलब स्वच्छ हवा और उच्च स्कोर का मतलब खतरनाक प्रदूषण होता है।
Air Quality Index को समझने के लिए महत्वपूर्ण बिंदु:
- यह वायु गुणवत्ता को संख्याओं और रंगों में दर्शाता है।
- यह स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
- विभिन्न देशों में AQI की गणना करने का तरीका अलग-अलग हो सकता है।
- भारत में, Air Quality Index की गणना 8 प्रमुख वायु प्रदूषकों के आधार पर की जाती है।
Air Quality Index की गणना कैसे की जाती है?
भारत में Air Quality Index को सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) द्वारा मापा और प्रकाशित किया जाता है। AQI की गणना के लिए हवा में मौजूद विभिन्न प्रदूषकों (Pollutants) का विश्लेषण किया जाता है।
Air Quality Index (AQI) में शामिल प्रमुख प्रदूषक:
- पार्टिकुलेट मैटर (PM10 और PM2.5) – धूल, धुआं और धातु कण
- कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) – वाहनों से निकलने वाली गैस
- सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) – उद्योगों और बिजली संयंत्रों से निकलने वाली गैस
- नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂) – वाहनों और कारखानों से निकलने वाला प्रदूषण
- ओजोन (O₃) – वायुमंडलीय रासायनिक प्रतिक्रियाओं से बनने वाली गैस
- अमोनिया (NH₃) – कृषि और उर्वरक उद्योगों से निकलने वाली गैस
- लीड (Pb) – बैटरियों और फैक्ट्रियों से निकलने वाला जहरीला तत्व
Air Quality Index (AQI) स्केल और उनके स्वास्थ्य प्रभाव:
AQI स्कोर | वायु गुणवत्ता | स्वास्थ्य प्रभाव |
---|---|---|
0-50 | अच्छी | कोई जोखिम नहीं |
51-100 | संतोषजनक | संवेदनशील लोगों को हल्की परेशानी हो सकती है |
101-150 | मध्यम | अस्थमा या फेफड़ों की समस्या वाले लोगों को परेशानी हो सकती है |
151-200 | अस्वस्थ | बुजुर्गों और बच्चों को स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं |
201-300 | बहुत अस्वस्थ | सभी लोगों के लिए जोखिम, सांस और हृदय रोग बढ़ सकते हैं |
301-500 | खतरनाक | आपातकालीन स्थिति, गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव |
भारत में वायु गुणवत्ता की स्थिति
भारत दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों में से एक है। हाल के वर्षों में, विशेष रूप से दिल्ली, कानपुर, पटना, लखनऊ और गाजियाबाद जैसे शहरों में AQI का स्तर 300 से 500 तक पहुंच गया है, जो “खतरनाक” श्रेणी में आता है।
भारत के सबसे प्रदूषित शहर (2024)
- दिल्ली – AQI: 400-500
- गाजियाबाद – AQI: 350-450
- लखनऊ – AQI: 300-400
- पटना – AQI: 280-380
- कानपुर – AQI: 250-350
भारत के सबसे स्वच्छ शहर (2024)
- शिलांग (मेघालय) – AQI: 20-50
- लेह (लद्दाख) – AQI: 15-40
- गंगटोक (सिक्किम) – AQI: 25-55
- ऊटी (तमिलनाडु) – AQI: 30-60
- पोर्ट ब्लेयर (अंडमान निकोबार) – AQI: 10-50
वायु प्रदूषण (Air Pollution) के स्वास्थ्य पर प्रभाव
Air Quality Index (AQI) जितना अधिक होगा, स्वास्थ्य पर प्रभाव उतना ही गंभीर होगा।
1. श्वसन तंत्र पर प्रभाव
- अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों में वृद्धि
- फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी
- लगातार खांसी और गले में जलन
2. हृदय रोगों का खतरा
- उच्च रक्तचाप और हार्ट अटैक का खतरा
- रक्त संचार में रुकावट
- दिल की धड़कन में अनियमितता
3. कैंसर का खतरा
- लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से फेफड़ों के कैंसर का खतरा
- अन्य प्रकार के कैंसर जैसे ब्लैडर और स्किन कैंसर का जोखिम
4. आंखों और त्वचा पर प्रभाव
- जलन, खुजली और लालिमा
- एलर्जी और संक्रमण का खतरा
5. गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर प्रभाव
- भ्रूण के विकास में बाधा
- समय से पहले जन्म
- नवजात शिशुओं में फेफड़ों की समस्याएं
वायु प्रदूषण (Air Pollution) को कम करने के उपाय
Allwellhealthorganic टीम के अनुसार, Air Quality Index (AQI) को सुधारने और प्रदूषण को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
1. व्यक्तिगत स्तर पर उपाय
- पैदल चलें, साइकिल चलाएं, या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।
- N95 मास्क का उपयोग करें।
- घर में एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करें।
- पेड़-पौधे लगाएं और उनका संरक्षण करें।
2. सामुदायिक स्तर पर उपाय
- स्वच्छ वायु अभियानों में भाग लें।
- अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें।
- कचरा जलाने से बचें।
3. सरकारी नीतियों और उपायों का पालन करें
- भारत सरकार की राष्ट्रीय स्वच्छ वायु योजना (NCAP) का समर्थन करें।
- उद्योगों और कारखानों में सख्त प्रदूषण नियंत्रण नियम लागू किए जाएं।
निष्कर्ष | Air Quality Index
Air Quality Index (AQI) हमें यह समझने में मदद करता है कि हमारी हवा कितनी स्वच्छ या प्रदूषित है। अगर हम स्वच्छ हवा में सांस लेना चाहते हैं, तो हमें प्रदूषण को कम करने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास करने होंगे।
Disclaimer:
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