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4 Yoga Poses for Period Cramps | पीरियड के दर्द से राहत पाने के लिए योग के चमत्कारी आसन

पीरियड के दौरान होने वाले दर्द से छुटकारा पाने के लिए योग कैसे फायदेमंद है?

हर महीने महिलाओं को मासिक धर्म (Periods) के दौरान शारीरिक और मानसिक असहजता का सामना करना पड़ता है। पीरियड क्रैम्प्स यानी मासिक धर्म के समय होने वाले पेट के निचले हिस्से में दर्द, महिलाओं की आम परेशानी है। यह दर्द कभी हल्का तो कभी तीव्र रूप ले सकता है। इस समस्या से राहत पाने के लिए कई उपाय किए जाते हैं, जिनमें से एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है – योग। 4 Yoga Poses for Period Cramps विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए तैयार किए गए हैं, जो दवाइयों के बजाय प्राकृतिक राहत की तलाश में हैं।

पीरियड क्रैम्प्स क्यों होते हैं?

मासिक धर्म के समय शरीर में होने वाले बदलाव

मासिक धर्म के दौरान शरीर में प्रोस्टाग्लैंडिन (Prostaglandins) नामक हार्मोन जैसा तत्व निकलता है, जो गर्भाशय की मांसपेशियों को सिकोड़ता है। इसी प्रक्रिया के कारण निचले पेट में दर्द, कमर दर्द, और कभी-कभी जांघों तक में खिंचाव महसूस होता है।

इसके अतिरिक्त, कुछ महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) या फाइब्रॉइड्स (Fibroids) जैसी चिकित्सकीय स्थितियों के कारण भी अधिक दर्द का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि पीरियड क्रैम्प्स की तीव्रता और अवधि हर महिला में अलग-अलग होती है।

योग कैसे करता है मासिक धर्म की तकलीफ में राहत?

हार्मोन संतुलन और दर्द में कमी

योग, विशेष रूप से रिस्टोरेटिव योग (Restorative Yoga), शरीर को गहराई से आराम देता है। इससे कोर्टिसोल (Cortisol) जैसे तनाव हार्मोन का स्तर घटता है और प्रोस्टाग्लैंडिन का स्राव नियंत्रित होता है। इससे पीरियड्स के दौरान दर्द में कमी आती है।

Sarah Garden, जो कि एक अनुभवी योग चिकित्सक हैं, बताती हैं कि योग हमारे शरीर की “ब्रॉडर बॉडी रेस्पॉन्स” जैसे कि सांस रोकना, तनाव ग्रस्त मांसपेशियाँ और कम ऑक्सीजन आपूर्ति को सामान्य करने में मदद करता है।

allwellhealthorganic द्वारा साझा किए गए डेटा के अनुसार, नियमित रूप से योग करने से महिलाओं के मानसिक तनाव, चिड़चिड़ापन और थकान में भी काफी कमी देखी गई है।

4 Yoga Poses for Period Cramps: जो देंगे तुरंत राहत

अब जानते हैं वे चार प्रमुख योगासन, जो पीरियड के समय विशेष लाभदायक होते हैं।

1. सुप्त बद्ध कोणासन (Supta Baddha Konasana)

Supta Baddha Konasana
सुप्त बद्ध कोणासन (Supta Baddha Konasana)

उपकरण: बोल्स्टर, ब्लैंकेट, स्ट्रैप और दो ब्लॉक

विधि:

  • योगा मैट पर एक बोल्स्टर को लंबाई में रखें और उसके सामने बैठ जाएं।
  • दोनों पैरों के तलवों को जोड़कर घुटनों को बाहर की ओर खोलें।
  • स्ट्रैप को अपने कूल्हों और पैरों के चारों ओर लपेटें ताकि टांगें स्थिर रहें।
  • धीरे-धीरे बोल्स्टर पर पीठ के बल लेट जाएं और सिर के नीचे ब्लैंकेट रखें।
  • यदि कूल्हों में खिंचाव ज्यादा लगे तो ब्लॉक को घुटनों के नीचे रखें।
  • इस अवस्था में 10-15 मिनट तक रहें और गहरी सांसें लें।

2. सेतु बंध सर्वांगासन (Setu Bandha Sarvangasana)

Setu Bandha Sarvangasana
सेतु बंध सर्वांगासन (Setu Bandha Sarvangasana)

उपकरण: बोल्स्टर, स्ट्रैप और एक ब्लॉक

विधि:

  • बोल्स्टर को योगा मैट पर रखें और उसके एक छोर पर बैठ जाएं।
  • स्ट्रैप को टखनों के चारों ओर बांध लें ताकि टांगें स्थिर रहें।
  • पीठ के बल लेटते हुए शरीर को स्लाइड करके बोल्स्टर से पीछे ले जाएं ताकि कंधे ज़मीन पर टिक जाएं।
  • ब्लॉक को पैरों के नीचे रखें और एड़ियों को उस पर टिकाएं।
  • हाथों को शरीर के पास रखें और 10 मिनट तक शांत रहें।

3. पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)

Paschimottanasana
पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)

उपकरण: बोल्स्टर, ब्लैंकेट और ब्लॉक

विधि:

  • एक ब्लैंकेट पर बैठकर दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाएं।
  • यदि पीठ में झुकाव हो तो एक अतिरिक्त ब्लैंकेट का प्रयोग करें।
  • बोल्स्टर को जांघों के ऊपर रखें और उसके ऊपर ब्लॉक रखें।
  • धीरे-धीरे झुककर माथे को ब्लॉक पर टिकाएं।
  • हाथों को आराम की स्थिति में रखें और 5-10 मिनट तक इस स्थिति में रहें।

4. विपरीतकरणी (Viparita Karani – Legs-Up-The-Wall Pose)

Viparita Karani – Legs-Up-The-Wall Pose
विपरीतकरणी (Viparita Karani – Legs-Up-The-Wall Pose)

उपकरण: एक ब्लैंकेट या पतला बोल्स्टर

विधि:

  • दीवार के पास योगा मैट को रखें और दीवार की ओर मुंह करके बैठ जाएं।
  • लेटते हुए पैरों को दीवार पर ऊपर उठाएं और कूल्हों को दीवार के पास ले जाएं।
  • एक फोल्डेड ब्लैंकेट को पीठ के नीचे रखें ताकि सपोर्ट मिल सके।
  • हाथों को आरामदायक स्थिति में रखें और 15-20 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।

क्या पीरियड के दौरान इनवर्जन योगासन सुरक्षित हैं?

इनवर्जन आसन वे होते हैं जिनमें शरीर का पेल्विस हृदय से ऊपर होता है, जैसे कि हेडस्टैंड, शोल्डरस्टैंड आदि। कुछ योग परंपराओं में पीरियड्स के पहले तीन दिनों तक इन आसनों को वर्जित माना जाता है।

लेकिन modern yoga experts, जैसे कि Sara Hess और Sarah Garden मानती हैं कि यह निर्णय व्यक्तिगत होना चाहिए। यदि शरीर में शक्ति है और आप सहज महसूस करती हैं, तो हल्के इनवर्जन आसनों का अभ्यास किया जा सकता है।

Also Read: What Is Kundalini Yoga: कुंडलिनी योग क्या है और इसके अद्भुत लाभ

अतिरिक्त सुझाव और सावधानियां

  • अगर अत्यधिक थकान हो तो योगासन न करें, शरीर को पर्याप्त विश्राम दें।
  • PCOS या एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्याओं में पहले चिकित्सक की सलाह लें।
  • योग को एकमात्र उपचार न मानें; इसे एक इंटीग्रेटेड थैरेपी के रूप में अपनाएं।
  • allwellhealthorganic की सलाह अनुसार, योग के साथ पौष्टिक आहार, पर्याप्त नींद और स्ट्रेस मैनेजमेंट भी आवश्यक है।

निष्कर्ष:- शरीर की सुनें, मन को समझें

4 Yoga Poses for Period Cramps न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्तर पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। यह आसन शरीर में रक्त संचार को बेहतर करते हैं, दर्द को कम करते हैं और मन को शांत करते हैं।

महिलाओं के जीवन में मासिक धर्म एक नियमित प्रक्रिया है, लेकिन हर बार उसे कष्टदायक नहीं बनाना चाहिए। योग हमें अपने शरीर से जुड़ने, उसे समझने और आत्म-देखभाल की आदत डालने का अवसर देता है।

allwellhealthorganic टीम का मानना है कि यदि इन 4 योग आसनों को नियमित रूप से अपनाया जाए, तो न केवल पीरियड्स के दर्द में राहत मिलती है, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है।

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