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Pregnancy के बाद Periods – क्या उम्मीद करें

गर्भावस्था और डिलीवरी के बाद महिला शरीर में कई बड़े बदलाव आते हैं। मां बनना सिर्फ एक भावनात्मक अनुभव नहीं होता, बल्कि यह एक शारीरिक परिवर्तन की भी शुरुआत होती है। डिलीवरी के बाद महिलाओं की सबसे आम चिंता होती है – Periods after pregnancy कब आएंगे, कैसे होंगे, क्या पहले जैसे रहेंगे या बदल जाएंगे?

Table of Contents

अगर आप भी इन सवालों से जूझ रही हैं, तो यह लेख आपके लिए है। आज allwellhealthorganic टीम आपके लिए लेकर आई है एक संपूर्ण, आसान और मेडिकल रूप से सही जानकारी, जिससे आप प्रेग्नेंसी के बाद अपने पीरियड्स को बेहतर तरीके से समझ सकें।

प्रेग्नेंसी के बाद शरीर में क्या बदलाव होते हैं?

डिलीवरी के बाद महिला शरीर धीरे-धीरे अपने पुराने स्वरूप में लौटने लगता है। गर्भावस्था के दौरान हार्मोन्स का स्तर काफी ऊपर-नीचे होता है, और डिलीवरी के बाद ये हार्मोन्स पूरी तरह संतुलन में आने में समय लेते हैं।

हार्मोनल बदलाव

  • प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन का स्तर घटता है
  • प्रोलैक्टिन हार्मोन बढ़ता है (खासतौर पर स्तनपान कराने वाली महिलाओं में)
  • यही हार्मोनल बदलाव Periods after pregnancy को प्रभावित करता है

गर्भाशय में परिवर्तन

  • गर्भाशय जो प्रेग्नेंसी के दौरान फैलता है, अब वापस सिकुड़ता है
  • अंदर की टिश्यू परत झड़ती है
  • इसी प्रक्रिया के दौरान शरीर से ब्लीडिंग होती है, जिसे लोचिया (Lochia) कहते हैं

ध्यान रखें: लोचिया और पीरियड्स एक चीज नहीं होते। लोचिया डिलीवरी के बाद की सफाई प्रक्रिया है।

Periods after pregnancy कब शुरू होते हैं?

यह सबसे आम प्रश्न है, और इसका उत्तर हर महिला के लिए अलग हो सकता है।

1. यदि आप स्तनपान नहीं कराती हैं:

  • पीरियड्स 6 से 8 हफ्तों के भीतर लौट सकते हैं
  • कुछ महिलाओं में यह 4 हफ्तों में भी शुरू हो जाता है

2. यदि आप स्तनपान कराती हैं:

स्तनपान कराने के दौरान शरीर में प्रोलैक्टिन हार्मोन बढ़ता है जो ओव्यूलेशन को रोकता है। इस कारण:

  • पीरियड्स 6 महीने तक नहीं आते
  • कुछ मामलों में तब तक नहीं आते जब तक स्तनपान बंद न हो जाए

लेकिन यह कोई नियम नहीं है कुछ महिलाओं को स्तनपान के बावजूद जल्दी पीरियड्स आ जाते हैं।

Periods after pregnancy कैसे होते हैं?

प्रेग्नेंसी के बाद आने वाले पहले कुछ पीरियड्स आपके पुराने पीरियड्स से काफी अलग हो सकते हैं।

अधिक ब्लीडिंग (Heavy Flow)

कुछ महिलाओं को डिलीवरी के बाद पहले कुछ महीनों में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती है।

कारण:

  • गर्भाशय पूरी तरह साफ नहीं हुआ होता
  • अभी भी मृत टिश्यू निकल रहा होता है
  • हार्मोन असंतुलन

हल्का फ्लो (Light Flow)

कुछ महिलाओं में पीरियड्स बहुत हल्के हो सकते हैं।

कारण:

  • शरीर अभी रिकवर कर रहा होता है
  • हार्मोन्स स्थिर नहीं होते

ब्लड क्लॉट्स

Periods after pregnancy में खून के थक्के आना सामान्य बात है खासकर शुरुआती पीरियड्स में।
लेकिन अगर क्लॉट बहुत बड़े हों या अत्यधिक दर्द हो, तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है।

पीरियड्स के साथ दर्द

बहुत सी महिलाओं को पहले से अधिक क्रैम्प्स महसूस हो सकते हैं क्योंकि:

  • गर्भाशय सिकुड़ रहा होता है
  • नसें और मांसपेशियां वापस सामान्य स्थिति में जा रही होती हैं

Periods after pregnancy अनियमित क्यों होते हैं?

डिलीवरी के बाद पीरियड्स का नियमित न होना बिल्कुल आम बात है।

संभावित कारण:

  • हार्मोनल असंतुलन
  • स्तनपान
  • नींद की कमी
  • तनाव
  • पोषण की कमी

उदाहरण:

  • एक महीने पीरियड 24 दिन में
  • अगले महीने 35 दिन में
  • कभी-कभी 40 दिन भी लग सकते हैं

यह चिंता का विषय नहीं है जब तक अत्यधिक दर्द या ब्लीडिंग न हो।

पीरियड्स कब नियमित होंगे?

Periods after pregnancy आमतौर पर:

  • स्तनपान बंद करने के 1-3 महीनों के भीतर
  • या 6-12 महीनों के अंदर नियमित हो जाते हैं।

क्या पीरियड्स आने का मतलब है कि प्रेग्नेंट नहीं हो सकते?

नहीं। ओव्यूलेशन पीरियड्स से पहले होता है। इसलिए:

  • पहला पीरियड आने से पहले भी गर्भ ठहर सकता है
  • इसलिए सुरक्षित गर्भनिरोधक का प्रयोग जरूरी है

allwellhealthorganic टीम की सलाह है कि आप डॉक्टर से गर्भनिरोधक विकल्पों पर बात जरूर करें।

पीरियड्स और स्तनपान का संबंध

स्तनपान:

  • हार्मोन संतुलन को प्रभावित करता है
  • ओव्यूलेशन को देर से शुरू करता है
  • Periods after pregnancy को टाल सकता है

लेकिन यह “कुदरती गर्भनिरोधक” नहीं है।

कब डॉक्टर को दिखाएं?

अगर आपको इन लक्षणों में से कुछ दिखें:

  • हर घंटे पैड बदलना पड़े
  • बहुत बड़े ब्लड क्लॉट
  • तेज पेट दर्द
  • तेज बुखार
  • बदबूदार डिस्चार्ज
  • 3 महीने बाद भी कोई पीरियड नहीं और स्तनपान भी बंद है

तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

पीरियड्स के दौरान खुद का ख्याल कैसे रखें?

पोषण पर ध्यान दें

खाएं:

  • आयरन से भरपूर भोजन
  • हरी पत्तेदार सब्जियां
  • फल
  • भरपूर पानी

आराम करें

  • पर्याप्त नींद लें
  • भारी काम से बचें

सही सैनिटरी प्रोडक्ट का उपयोग

डिलीवरी के बाद:

  • मैटरनिटी पैड बेहतर होते हैं
  • टैम्पॉन से बचें

योग और व्यायाम

हल्का व्यायाम:

  • दर्द कम करता है
  • हार्मोन संतुलन में मदद करता है

क्या पीरियड्स का रंग बदल सकता है?

हाँ। पहले कुछ चक्रों में रंग:

  • गहरा लाल
  • भूरा
  • या बहुत हल्का

हो सकता है। यह सामान्य है।

Also Read: Periods के दौरान फॉलो करने के लिए एक्सपर्ट Diet Tips

आर्टिफिशियल डिलीवरी और Periods after pregnancy

सी-सेक्शन हो या नॉर्मल डिलीवरी:

  • इससे पीरियड टाइमिंग प्रभावित नहीं होती
  • फर्क केवल शरीर की रिकवरी में होता है

मानसिक स्वास्थ्य और पीरियड्स

पीरियड्स सिर्फ शारीरिक नहीं होते, मानसिक भी होते हैं।

डिलीवरी के बाद:

  • मूड स्विंग
  • डिप्रेशन
  • बेचैनी

पीरियड्स को और कठिन बना सकते हैं।

ऐसी स्थिति में डॉक्टर या काउंसलर से बात करना जरूरी है।

Periods after pregnancy से जुड़े मिथक

मिथक 1: पीरियड्स आने से दूध कम हो जाएगा

गलत — स्तनपान जारी रखा जा सकता है

मिथक 2: पहला पीरियड बहुत खतरनाक होता है

गलत — ये बदलाव का हिस्सा है

मिथक 3: पीरियड्स के बिना प्रेग्नेंसी नहीं होती

गलत — ओव्यूलेशन पहले होता है

निष्कर्ष

Periods after pregnancy एक सामान्य लेकिन संवेदनशील विषय है। यह हर महिला के लिए अलग होता है और इसमें बदलाव आना पूरी तरह से स्वाभाविक है।

आपका शरीर एक नया जीवन लाया है – उसे समय दें। अगर आपको अपने शरीर में कोई असामान्यता लगे, तो डरें नहीं – डॉक्टर से बात करें।

allwellhealthorganic की ओर से हमारी यही सलाह है: खुद को समझें, दूसरों से तुलना न करें और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।

Disclaimer: Allwellhealthorganic.com पर दी गई सामग्री केवल जानकारी के उद्देश्यों के लिए है और यह professional medical advice का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी चिंता के लिए या किसी नए treatment को शुरू करने से पहले हमेशा एक healthcare provider से सलाह लें। कृपया किसी भी health-related decision लेने से पहले या यदि आपके स्वास्थ्य को लेकर कोई चिंता है, तो एक healthcare professional से सलाह लें। Allwellhealthorganic.com प्रदान की गई जानकारी के आधार पर लिए गए किसी भी कार्रवाई के लिए जिम्मेदार नहीं है।

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