अत्यधिक मनोदशा में बदलाव के 6 कारण और उनसे निपटने के तरीके
मूड स्विंग्स (Mood swings) यानी अचानक बदलता मूड कभी खुशी, तो कभी गहरी उदासी आज के समय में बेहद सामान्य लेकिन परेशान करने वाली समस्या बन चुकी है। कई लोग इसे केवल तनाव या थकान से जोड़ देते हैं, जबकि वास्तव में इसके पीछे कई गहरे शारीरिक, मानसिक और मेडिकल कारण हो सकते हैं। मूड स्विंग्स कभी-कभी हल्के होते हैं, लेकिन जब इनका प्रभाव आपकी दिनचर्या, रिश्तों या कामकाज पर पड़ने लगता है, तो यह एक गंभीर मूड डिसऑर्डर का संकेत भी हो सकता है।
Allwellhealthorganic टीम बताती है कि मूड स्विंग्स केवल भावनात्मक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि ब्रेन के केमिकल्स, हार्मोन, जीवनशैली और मेडिकल स्थितियों से भी सीधी तरह जुड़े होते हैं। सही जागरूकता और उचित कदमों से इन्हें पूरी तरह मैनेज किया जा सकता है।
इस आर्टिकल में हम मूड स्विंग्स के कारण, लक्षण, जोखिम कारक, रोकथाम के तरीके और वैज्ञानिक समाधानों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
मूड स्विंग्स (Mood swings) क्या होते हैं?
मूड स्विंग्स वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति बेहद कम समय में एक भावनात्मक अवस्था से दूसरी अवस्था में पहुँच जाता है जैसे खुशी से उदासी, शांति से गुस्सा, आशा से निराशा।
मूड स्विंग्स के मुख्य लक्षण
- अचानक खुशी, गुस्सा या उदासी
- चिड़चिड़ापन
- अत्यधिक उत्साह या अचानक ऊर्जा का गिरना
- ध्यान केंद्रित न कर पाना
- नींद के पैटर्न में बदलाव
- निर्णय लेने में दिक्कत
- अधिक बोलना या बिल्कुल चुप हो जाना
अगर ये मूड स्विंग्स बार-बार हो रहे हों और 2 सप्ताह से अधिक बने रहें, तो यह किसी गहरे मानसिक या शारीरिक कारण से जुड़ा हो सकता है।
मूड स्विंग्स के प्रमुख कारण
नीचे दिए गए सभी कारण मूड स्विंग्स को सीधे प्रभावित कर सकते हैं।
1. हार्मोनल परिवर्तन – मूड स्विंग्स का सबसे बड़ा कारण
हार्मोन हमारे मूड और व्यवहार को नियंत्रित करने वाले प्रमुख रसायन हैं। इनके उतार-चढ़ाव से मूड असंतुलित होना आम बात है।
किशोरावस्था (Puberty)
किशोरों में मूड स्विंग्स (Mood swings) तेज़ी से बढ़ते सेक्स हार्मोन (oestrogen, progesterone, testosterone) के कारण बहुत सामान्य हैं।
लक्षण:
- चिड़चिड़ापन
- आक्रामक प्रतिक्रिया
- उदासी
- आत्मविश्वास में कमी
PMS और मासिक धर्म
महिलाओं में PMS मूड स्विंग्स का प्रमुख कारण है। मासिक धर्म से पहले आने वाले हार्मोनल बदलाव मूड को सीधे प्रभावित करते हैं।
गर्भावस्था में मूड स्विंग्स
पहली और तीसरी तिमाही में मूड स्विंग्स अधिक होते हैं क्योंकि:
- भावनात्मक परिवर्तन
- थकान
- शारीरिक बदलाव
- न्यूरोट्रांसमीटर में उतार-चढ़ाव
मेनोपॉज़
मेनोपॉज़ के दौरान oestrogen कम होने से
- चिंता
- गर्मी के झोंके
- अनिद्रा
- मूड स्विंग्स हो सकते हैं।
Allwellhealthorganic विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि हार्मोनल मूड स्विंग्स में काउंसलिंग, योग, मेडिटेशन और डॉक्टर की दवाएँ बहुत प्रभावी होती हैं।
2. Substance Abuse और दवाओं का Side Effect
ड्रग्स, शराब और कुछ दवाएँ मूड स्विंग्स (Mood swings) का बड़ा कारण बनती हैं।
ड्रग्स और शराब
ड्रग्स मस्तिष्क में dopamine को असामान्य रूप से बढ़ाते हैं।
लंबे समय में यह ब्रेन के केमिकल संतुलन को बिगाड़ देता है, जिसके परिणामस्वरूप मूड स्विंग्स (Mood swings), चिंता, आक्रामकता और अवसाद जैसे लक्षण दिखते हैं।
किन दवाओं से मूड स्विंग्स हो सकते हैं?
- Anti-depressants (यदि डोज़ गलत हो)
- Blood pressure medicines
- Corticosteroids
- ADHD की दवा Ritalin
- कुछ एंटीबायोटिक्स (gentamicin, ciprofloxacin)
क्या करें?
- दवाएँ अचानक बंद न करें
- डॉक्टर से उचित परामर्श लें
- जीवनशैली में सुधार करें
3. Depression और Bipolar Disorder
मूड स्विंग्स का गहरा संबंध मानसिक स्वास्थ्य से है।
Depression में मूड स्विंग्स (Mood swings)
डिप्रेशन के लक्षण:
- लगातार उदासी
- उम्मीद खत्म होना
- चीज़ों में रुचि कम होना
- नींद की समस्या
- भूख में बदलाव
- आत्मघाती विचार
डिप्रेशन मूड स्विंग्स का बड़ा कारण है क्योंकि ब्रेन के serotonin और dopamine जैसे न्यूरोट्रांसमीटर असंतुलित हो जाते हैं।
Bipolar Disorder
यह मूड स्विंग्स का सबसे गम्भीर रूप है।
इसमें दो चरम अवस्थाएँ होती हैं:
Mania Phase
- अत्यधिक आत्मविश्वास
- बहुत तेज़ बोलना
- गुस्सा
- जोखिम भरे निर्णय
- ऊर्जा का अचानक बढ़ना
Depression Phase
- गहरी उदासी
- थकान
- ऊर्जा की कमी
- नकारात्मक विचार
समाधान
- Mood stabilizers
- Cognitive Behavioral Therapy (CBT)
- नियमित नींद
- डॉक्टर द्वारा निर्धारित उपचार
- समूह थेरेपी
4. अत्यधिक Stress – मूड स्विंग्स का सामान्य कारण
तनाव के समय शरीर cortisol और adrenaline नामक हार्मोन रिलीज़ करता है। यदि तनाव लंबे समय तक बना रहे, तो यह हार्मोन ब्रेन के भावनात्मक क्षेत्र (amygdala) को असंतुलित कर देते हैं, जिससे मूड स्विंग्स (Mood swings) होने लगते हैं।
तनाव के सामान्य लक्षण
- अनिद्रा
- बेचैनी
- गुस्सा
- निराशा
- शारीरिक थकान
क्या करें?
- Meditation
- Yoga
- Deep-Breathing
- Walking
- Work–Life Balance
Allwellhealthorganic की हेल्थ टीम बताती है कि रोज़ाना 20 मिनट की मेडिटेशन मूड स्विंग्स में चमत्कारिक असर दिखाती है।
5. गलत Diet और Nutritional Deficiency
आपका भोजन सीधे आपके मूड को प्रभावित करता है।
Sugar और Carbs
मीठा मूड स्विंग्स (Mood swings) का अस्थायी समाधान देता है क्योंकि यह serotonin बढ़ाता है, लेकिन बाद में crash आता है, जिससे मूड स्विंग्स बढ़ जाते हैं।
Omega-3 Deficiency
Omega-3 की कमी से:
- चिड़चिड़ापन
- उदासी
- गुस्सा बढ़ता है।
Gut Microbiome और मूड स्विंग्स (Mood swings)
नई रिसर्च बताती है कि हमारी आंतों के बैक्टीरिया सीधे:
- serotonin
- dopamine
- mood regulation को प्रभावित करते हैं।
गलत डाइट से gut bacteria खराब होते हैं और मूड स्विंग्स बढ़ते हैं।
मूड स्विंग्स रोकने वाली डाइट
- Walnuts
- Flaxseed
- Fatty fish
- Oats
- Vegetables
- Dark chocolate
- Adequate water
6. मेडिकल कंडीशन्स जो मूड स्विंग्स का कारण हो सकती हैं
कई गंभीर बीमारियाँ मूड स्विंग्स (Mood swings) ट्रिगर कर सकती हैं:
महत्वपूर्ण मेडिकल कारण
- Brain tumor
- Dementia
- Stroke
- Thyroid imbalance
- Diabetes
- Lung disease
- Heart disease
- Vitamin B12 deficiency
- Neurological disorders
इन स्थितियों में मूड स्विंग्स (Mood swings) केवल भावनात्मक समस्या नहीं बल्कि बीमारी का लक्षण होते हैं।
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मूड स्विंग्स को नियंत्रित कैसे करें? (प्रैक्टिकल Solutions)
नीचे मूड स्विंग्स को मैनेज करने के सबसे प्रभावी उपाय दिए गए हैं।
1. मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करें
Cognitive Behavioral Therapy (CBT)
यह मूड स्विंग्स को समझने और नियंत्रित करने की सबसे प्रभावी प्रक्रिया है।
Journaling
मूड डायरी लिखने से:
- ट्रिगर समझ आते हैं
- भावनाएँ स्पष्ट होती हैं
2. जीवनशैली में बदलाव
नींद पूरी लें
7–8 घंटे की नींद मस्तिष्क के हार्मोन को संतुलित रखती है।
व्यायाम
Exercise dopamine और serotonin बढ़ाता है।
स्क्रीन टाइम कम करें
Excess social media से anxiety और मूड स्विंग्स (Mood swings) बढ़ते हैं।
3. संतुलित आहार (Balanced Diet)
मूड स्विंग्स (Mood swings) को रोकने के लिए डाइट में शामिल करें:
- Omega-3 rich foods
- Whole grains
- Hydration
- Probiotics
- Seasonal fruits
4. रिलैक्सेशन थेरेपी
- योग
- मेडिटेशन
- प्राणायाम
- नैचुरल म्यूजिक
- नेचर वॉक
5. मेडिकल जांच करवाएं
अगर मूड स्विंग्स (Mood swings) लगातार बने हुए हैं, तो नीचे दिए टेस्ट करवाएं:
- Thyroid Profile
- Vitamin D
- Vitamin B12
- Blood Sugar
- Liver Function Test
- Mental health assessment
मूड स्विंग्स (Mood swings) कब खतरनाक हो सकते हैं?
यदि ये स्थितियाँ दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
- मूड स्विंग्स (Mood swings) 2–3 हफ्तों से अधिक जारी रहना
- आक्रामक या हिंसक व्यवहार
- आत्मघाती विचार
- भ्रम या hallucination
- याददाश्त कम होना
- दैनिक जीवन प्रभावित होना
निष्कर्ष – मूड स्विंग्स (Mood Swings) को समझना और संभालना आवश्यक है
मूड स्विंग्स (Mood swings) सामान्य भी हो सकते हैं और गंभीर बीमारी का संकेत भी।
सही जानकारी, संतुलित भोजन, नींद, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की मदद से मूड स्विंग्स (Mood swings) को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।
Allwellhealthorganic टीम हमेशा सलाह देती है कि मूड स्विंग्स (Mood swings) को हल्के में न लें। यदि स्थिति बार-बार बिगड़ रही है, तो प्रोफेशनल मदद लेना सबसे सुरक्षित विकल्प है।
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