Blood in Stool | मल में खून आने के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव के उपाय

स्वस्थ पाचन तंत्र हमारे शरीर की नींव है। लेकिन कई बार हम ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, जो हमारे अंदर किसी गंभीर समस्या की ओर इशारा करते हैं। Blood in Stool यानी मल में खून आना, एक ऐसा ही लक्षण है जिसे हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है।
मल त्यागते समय अगर आपको लाल, गहरे लाल या काले रंग का मल दिखाई दे, तो यह आपके पाचन तंत्र के किसी हिस्से में रक्तस्राव (Bleeding) का संकेत हो सकता है। Blood in Stool कई बार मामूली कारणों से भी होता है, लेकिन यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का शुरुआती लक्षण भी हो सकता है।
यह लेख allwellhealthorganic टीम द्वारा शोध और मेडिकल गाइडलाइंस के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें हम विस्तार से जानेंगे कि Blood in Stool के क्या कारण होते हैं, यह किन लक्षणों के साथ आता है, इसका इलाज कैसे किया जाता है और इससे बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
Blood in Stool क्या है?
Blood in Stool का मतलब है मल में खून का आना। यह खून ताज़ा लाल रंग का हो सकता है या फिर गहरा, मैरून या काला रंग का भी हो सकता है।
मेडिकल भाषा में इसे दो प्रमुख रूपों में बांटा गया है:
- Haematochezia – जब मल में ताज़ा, चमकीला लाल खून दिखाई दे। यह आमतौर पर पाचन तंत्र के निचले हिस्से (बड़ी आंत, मलाशय या गुदा) से आता है।
- Melena – जब मल काला और चिपचिपा हो, इसका मतलब है कि खून पाचन तंत्र के ऊपरी हिस्से (पेट, भोजन नली) से आया है और पाचक रसों के साथ मिल गया है।
मल में खून का रंग और उसके संकेत
खून का रंग और उसकी बनावट यह बताती है कि शरीर के किस हिस्से से रक्तस्राव हो रहा है।
1. चमकीला लाल खून
- संकेत: निचले पाचन तंत्र से खून आना।
- कारण: बवासीर, गुदा में दरार, मलाशय की सूजन।
2. गहरा लाल या मैरून रंग का खून
- संकेत: छोटी आंत या बड़ी आंत के ऊपरी हिस्से से खून आना।
- कारण: आंतों में सूजन, ट्यूमर, डायवर्टीकुलाइटिस।
3. काला और चिपचिपा मल
- संकेत: पाचन तंत्र के ऊपरी हिस्से (पेट या भोजन नली) से रक्तस्राव।
- कारण: पेट में अल्सर, भोजन नली में चोट, गैस्ट्रिक ब्लीडिंग।
Blood in Stool के आम कारण
Blood in Stool के कई कारण हो सकते हैं, जो हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं:
1. बवासीर (Haemorrhoids)
- मलाशय और गुदा की नसों में सूजन।
- मल त्याग के दौरान खून आना, जलन और खुजली।
- अधिकतर कब्ज, गर्भावस्था, या लंबे समय तक खड़े/बैठे रहने से होती है।
2. गुदा में दरार (Anal Fissures)
- कठोर मल पास होने से गुदा की त्वचा फट जाती है।
- मल त्यागते समय तेज दर्द और खून आना।
3. डायवर्टीकुलोसिस और डायवर्टीकुलाइटिस
- आंत की दीवार में छोटी थैलियां (Pouches) बनना और उनमें सूजन।
- कभी-कभी अचानक भारी मात्रा में खून आना।
4. सूजन संबंधी आंत की बीमारियां (Inflammatory Bowel Disease – IBD)
- क्रोहन डिज़ीज़ और अल्सरेटिव कोलाइटिस इसके प्रमुख प्रकार हैं।
- दस्त, पेट दर्द और खून आना इसके आम लक्षण हैं।
5. गैस्ट्रिक या पेंटिक अल्सर
- पेट या डुओडेनम में अल्सर होने से ब्लीडिंग।
- काला, चिपचिपा मल और पेट में जलन।
6. आंतों का कैंसर
- कोलोरेक्टल कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है।
- धीरे-धीरे वजन घटना, भूख कम होना और मल में खून।
7. संक्रमण (Infections)
-
बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी के कारण आंतों में सूजन और खून आना।
Blood in Stool के लक्षण
अगर आपको Blood in Stool की समस्या है, तो इसके साथ ये लक्षण हो सकते हैं:
- मल त्यागते समय दर्द या जलन।
- मल में खून (लाल, गहरा लाल या काला)।
- पेट दर्द और ऐंठन।
- कब्ज या दस्त।
- कमजोरी और थकान।
- वजन का अचानक घटना।
Blood in Stool के खतरे के संकेत
इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें:
- बार-बार और ज्यादा मात्रा में खून आना।
- चक्कर या बेहोशी आना।
- लगातार उल्टी या मितली।
- तेज बुखार और पेट में सूजन।
Blood in Stool का निदान (Diagnosis)
डॉक्टर सही कारण जानने के लिए कई तरह की जांच करते हैं:
- स्टूल टेस्ट – मल के नमूने में खून और संक्रमण की जांच।
- एंडोस्कोपी / कोलोनोस्कोपी – कैमरे की मदद से आंत और पेट की जांच।
- CT स्कैन – आंतों की विस्तृत इमेजिंग।
- बायोप्सी – कैंसर या अन्य गंभीर बीमारियों की पुष्टि के लिए।
Blood in Stool का इलाज (Treatment)
इलाज कारण के आधार पर किया जाता है:
1. बवासीर और गुदा दरार
- फाइबर युक्त आहार, पानी की मात्रा बढ़ाना, और दवाइयां।
- गंभीर मामलों में सर्जरी।
2. सूजन संबंधी बीमारियां
-
एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं और डाइट मैनेजमेंट।
3. अल्सर
-
एंटासिड, एंटीबायोटिक्स और गैस्ट्रिक प्रोटेक्टर दवाएं।
4. कैंसर
-
सर्जरी, कीमोथैरेपी, रेडिएशन थेरेपी।
Blood in Stool से बचाव के उपाय
allwellhealthorganic के अनुसार, इन जीवनशैली आदतों को अपनाकर आप Blood in Stool से बच सकते हैं:
1. फाइबर युक्त आहार लें
-
अनाज, दालें, हरी सब्जियां और फल।
2. पर्याप्त पानी पिएं
-
दिन में 8-10 गिलास पानी।
3. व्यायाम करें
-
रोज़ाना कम से कम 30 मिनट वॉक या योग।
4. शराब और धूम्रपान से बचें
-
ये पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं।
5. नियमित हेल्थ चेकअप कराएं
-
साल में एक बार पूरी जांच।
घरेलू उपाय (Home Remedies)
- गुनगुना पानी पिएं।
- इसबगोल का सेवन।
- त्रिफला चूर्ण।
- एलोवेरा जूस।
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डॉक्टर को कब दिखाना जरूरी है?
- अगर खून लगातार आ रहा है।
- मल त्याग के साथ दर्द और कमजोरी।
- अचानक वजन घटना।
- परिवार में कैंसर का इतिहास।
FAQs – Blood in Stool के बारे में आम सवाल
Q1. क्या Blood in Stool हमेशा गंभीर होता है?
ज़रूरी नहीं, लेकिन इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
Q2. क्या यह कैंसर का लक्षण है?
हाँ, लेकिन अन्य कारण भी हो सकते हैं।
Q3. क्या आहार बदलने से फायदा होगा?
हाँ, फाइबर और पानी की मात्रा बढ़ाने से फायदा होता है।
Q4. क्या तनाव इसका कारण हो सकता है?
सीधे नहीं, लेकिन पाचन संबंधी समस्याएं बढ़ा सकता है।
Q5. घरेलू उपाय कब अपनाएं?
केवल हल्के लक्षणों में, गंभीर मामलों में डॉक्टर से मिलें।
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